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[8] भाभी
[8.1] भाभी के साथ कर्मों का हिसाब भाभी थीं दूसरी बार की और रुतबे वाले गाँव की प्रश्नकर्ता : दादा, आपकी भाभी दिवाली बा कौन से गाँव से थीं?
दादाश्री : हमारी भाभी गजेरा की। हमारी जो भाभी हैं वे दूसरी बार की हैं, पहली बार की भाभी नडियाद से थी। पहले नडियाद में शादी की थी हमारे भाई ने और फिर गजेरा में शादी की। वह छोटा सा गाँव था लेकिन बहुत ही रुतबे वाला गाँव था।
मेरी भाभी बहुत ही समझदार थीं लेकिन वे थीं बहुत ही रौबदार। भतीजा कहता था, 'चाची हमारे खेत में गेहूँ बहुत उगे हैं, दो मन भिजवा दूंगा'। तो कहती थीं 'नहीं भाई मुझे गेहूँ वगैरह नहीं चाहिए'। वे किसी का मुफ्त का नहीं लेती थीं, इतनी रौबदार थीं। भतीजे कहते थे लेकिन नहीं लेती थीं।
तू 'हाँ' कह, वर्ना अंबालाल से शादी करवा दूंगा
हमारे बड़े भाई पहले वहाँ पर शादी करने के लिए मना कर रहे थे। 'मैं शादी नहीं करूँगा' ऐसा कहा था, क्योंकि वह छोटा गाँव था। तब मेरे फादर ने कहा, 'मैंने हाँ कह दिया है। मेरा नाम बचाने के लिए, मैं यह रिश्ता नहीं तोडूंगा। यदि तू मना करेगा तो मैं तो अपने अंबालाल से शादी करवा दूंगा'।