SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 76
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परदेशी रानाकी चौपाह। दिश ब्रत धारो जी ॥ चि० नए ॥ मरजादा बोल बवीसनी, पनरै करमा दानो जी। अनरथ दन्म त्याग थाठमो, सामायक ब्रत नवमोजी॥चि०ए दशमो देशावगासिया, म्यारमो पोषध सारो जी अतिथ संबिजाग ब्रत विधि करी, एह व्रत बारों जी॥चि ॥ पञ्च पकार अणुव्रत कह्या, तिन गुण ब्रत रीतो जी। सिख्या ब्रत चविधि धन्यो वारह कह्या बिनोती जी। चि० ॥ ॥ श्रावक धर्म श्म यादन्यो, बांद्या गुरु हुलासो जी। चल घंटा रथ बैग्नेि, पहुंत्यो निज श्रावासो जी॥ चि० ए३ ॥ तवतै चित श्रावक हुवो, नवतत्व जीव अजीवो जी। पुन्य पाप आश्रव संवरो, निरजरा ने बंध मोषो जोचिए ॥ एनवतत्व धान्य निरमला, किरिया अधिक रण जाणो जी। माहो विचक्षण झानो करी, पतलो कपटने मानो जी चि० एए ॥ आपदा कष्ट पड्या थकां, न बांडे देबनो. साजो जी। सुर नागादि चलावै धर्मसुं तो न चले धरम जाजो जी॥ चि० ए६ ॥ जिन प्रवचन मे सका नही, पर पाखंमनी नहि चाहो जी। फल प्रतें मनना.धारे, सांधा थरम प्रायो .. .... For Private and Personal Use Only
SR No.034240
Book TitleJambu Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChetanvijay
PublisherGulabkumari Library
Publication Year
Total Pages135
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy