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समुच्चय जीवोंकि अल्पा बहुत्व (१) (१) स्तोक मूल गुण पच्चखांणी जीव है । (२) उत्तर गुण पञ्चखांणी असंख्यात गुण । (१) अपचखांणी अनन्त गुण
तीर्यच पांचेन्द्रिकि अल्पा० (२) (१) स्तोक मूलगुण पञ्चखांणी जीव है। (२) उत्तर गुण पञ्चखांणी मसंख्यात गुण (३) अपञ्चखांणी असंख्यात गुण
मनुष्यकि अल्पा बहुत्व (३) (१) स्तोंक मूलगुण पञ्चखांणी जीव है।
(२) उत्तर गुण पञ्चखांणी संख्यात गुण ' (३) अपञ्चखांणी असंख्यात गुण ।
(प) हे भगवान् । जीव क्या सर्व मूलगुण पञ्चखांणी है ? देश मूलगुण पञ्चस्वांणी है ? अपच्चखांणी है ?
(उ). जीव तीनों प्रकारके है । कारण नरकादि २९ दंडक अपञ्चखांणी है, तीर्थच पांचेन्द्रिय देश मूलगुण और अपञ्चखाणी है और मनुष्य तीनों प्रकार के है निस्की अल्पा बहुत ।
समुच्चय जीवों कि अल्पा० (१) । (१) स्तोक सर्व मूल पच्चखांणी जीव है। (२) देश मूल गुण पञ्चखाणी असंख्यात गुणे (३) अपच्चखांणी अनन्त गुणा
तीर्थच पांचन्द्रियकी अल्पा० (२) . (१) स्तोक देश मुलगुण पञ्चखांणी जीव है।