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(६१) (३) एवं निल लेश्याका शतक माणन्ता
(१) लेश्या एक निललेश्या (अधिक (२) अनु० उ० दशसागरो० पल्या० असंभाग
(३) स्थिति उ०दश सागरोपम , , (१) एवं कापोत लेश्याका शतक नाणन्ता
(१) लेश्या एक कापोत लेश्या [अधिक (२) अनु० उ० दोय सागरों० पल्यो० असं० भाग
(३) स्थिति तीन सागरोपमकि (५) एवं तेनो लेश्याका शतक नाणन्ता . (१) लेश्या एक तेजस लेश्या । (२) अनु० उ० दोय सागरो० पल्य० असं० भाग
(३) स्थिति ॥ ॥ " (६) एवं पद्मलेश्याका शतक नाणन्ता
(१) लेश्या एक पद्म लेश्या (२) अनु० दश सागरो० अन्तर महुर्त अ०
(३) स्थिति उ० दश सागरो. (७) एवं शुक्ल लेश्या शतक नाणन्ता
(१) लेश्या एक शुक्ल लेश्या (२) अनु० उ० ३१ सागरो० अन्तर महुर्त. (३) स्थिति ३१ सागरोपम
शेष अधिकार पूर्ववत् समझना. इति चालीसवा शतफके अन्तर शतक २१ उदेशा २३१ संयुत चालीसवा शतक समाप्तम्।
सेवं भंते सेवं भंते तमेव सच्चम् ।
पारा