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(६३) कहा है कि संबन्धवाले पदार्थको भी जाने असंबन्धवाले पदार्थको भी जानते हैं। __वृक्षके १ ० अंग होते हैं मूल, कन्द, स्कन्ध, त्वचा, साखा परवाक, पत्र, पुष्प, फल, बोन इसके संयोगसे चौभंगी लिखी माती है।
(१) वृक्षका मूल जाने कन्द न जाने (२) , मूल न जाने कन्दको जाने (३) , मूल जाने कन्द भी जाने (४) , मूल न जाने कन्द भी न आने
इस माफक मूल और स्कन्ध ७ मूल-त्वचा (८) मूल-साखा ९ मूल पखाल १० मूल पत्र ११ मूल पुष्प १२ मूल फल १३ मूल बीन १४ कन्दस्कन्द १५ कन्द त्वचा १६ कन्द साखा १७ कन्द परवाल १८ कन्द पत्र १९ कन्द पुष्प २० कन्द फल २१ कन्द बीन २२ स्कन्ध त्वचा २३ स्कन्ध साखा २४ स्कन्छ पखाल २६ स्कन्धपत्र २६ स्कन्ध पुष्प २७ स्कन्ध फल २८ रून्य चीज २९ त्वचा साखा ३० त्वचा परवाल ३१ त्वाचा पत्र ३२ त्वचा पुष्प ३३ त्वचा फल ३१ त्वचा बीन ३५ साखा परवाल ३६ साखा पत्र ३७ साखा पुष्प १८ साखा फर ६९ साखा चीन ४० परवाल पत्र ४१ परवाल पुष्प ४२ परवाल फल १६ परवाल बीज ११ पत्र पुप्प ४५ पत्र फल ४६ पत्र बीन १७ पुष्प फल १८ पुष्प बीन १९ फल बीन एवं ४९ चौभंगी।
ऊपर बताई हुई चौभमीके माफक ४९ चौभंगी उपयोगसे लगा लेना। सेवं मंते सेवं भंते तमेव सच्चम् ।