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________________ ૨૮ संग्राम करनेको तैयार होनेका आदेश दिया. काली आदि दशो भाइ राजके दश भाग लिया था वास्ते उन्होंको कोणकका हकम मानके संग्रामकी तैयारी करना ही पडा । राजा कोणकने कहा कि है बन्धुओ ! आप अपने अपने देशमें जाके तीन तीन हजार गज, अश्व, रथ और तीन कोड पैदलसे युद्धकि तैयारी करो, एसा हुकम कोणकराजाका पा के अपने अपने राजधानीमें जा के सैना कि तैयारी कर कोणकराजाके पास आये । कोणकराजा दशों भाइयोंको आता हुवा देखके आप भी तैयार हो गया, सर्व सैन्य तेतीस हजार हस्ती तेतीस हजार अश्व, तेतीस हजार संग्रामीक रथ, तेतीस क्रोड पैदल इस सब सैनाको एकत्र कर अंगदेशके मध्य भागसे चलते हुवे विदेह देशकि तर्फ जा रहाथा। इधर चेटकराजाको ज्ञात हुवा कि कोणकराजा कालीआदि दश भाइयोंके साथ युद्ध करनेको आ रहा है। तब चेटकराजा कासी, कोशाल, अठारा देशके राजावो जो कि अपने स्वधर्मी थे उन्होंकों दूतों द्वारा बुलवाये । अठारा देशके राजा धर्मप्रेमी बुलवाने के साथ ही चेटकराकी सेवामे हाजर हुवे । और बोले कि हे स्वामि : क्या कार्य है सो फरमाए । __ चेटकराजाने वहलकुमारकी सब हकिकत कह सुनाइ कि अब क्या करना अगर आप लोगोंकी सलाह हो तो वहलकुमरको दे देवे. और आप लोगोकी मरजी हो तो कोणकसे संग्राम करे। यह सुनके कर्मवीर अठारा देशोंके राजा सलाह कर बोले कि इन्साफके तौरपर न्यायपक्ष रख सरणे आयाका प्रतिपालन क. रना आपका फर्ज है अगर कोणक राजा अन्याय कर आपके उपर युद्ध करनेकों आता हो तो हम अठारा देशोंके राजा आपकि तर्फ
SR No.034234
Book TitleShighra Bodh Part 16 To 20
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRavatmal Bhabhutmal Shah
Publication Year1922
Total Pages424
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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