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________________ शकट-गाडाके परिमाणमें पांचसो गाडा जहाजों पर माल पहुंचानेके लिये तथा देशांतरसे माल लाने के लिये और पांचसो गाडा अपने गृहकार्य के लिये खुल्ला रखके शेष शकट-गाडाओंका त्याग कर दिया (५) बहाण पाणीके अन्दर चलनेवाले जहाजके परिमाणमें च्यार बडे जहाज दिशाधरोंमें माल भेजनेका ओर च्यार छोटे जहाज खुले रखके शेष बहाणका त्याग कीया । छठा बत पांचवेव्रतके अन्तर्गत है। (७) सातवां उपभोग-परिभोग व्रतका निम्न लिखित परिमाण करते हुवे। (१) अंगपूंछनेका रूमालमें गन्ध कर्षीत वन रखा है। (२) दातणमें एक अमृति-जेटीमधका दातण ।। (३) फलमें एक क्षीर आंवलाका फल ( केशधोनेको ) (४) कसरत करने पर 'मालिस' करनेके लिये सौपाक और हजार पाक तेल रखाथा । सौ औषधिसे पकावें उसको सौपाक और हजार औषधिसे पकावे उसको हजार पाक कहते है तथा मौ मोनैयाका एक टकाभर ऐसा कीमतवाला तैल रखा था। (५) उघटना एक सुगन्ध पदार्थ कुष्टादिका रखा है। (६) स्नान मजन-आठ घडे पाणी प्रतिदिन रखा है। (७) वस्त्रोंकी जातिमें एक क्षेमयुगल कपासका वस्त्र रखा है। जावे तो छठा दिशावत बीलकुलही नहीं रखाथा तो उन्होंक च्यार बंड वहाण च्यार छोटे वहाण किस दिशामें चलतेथ ऐसा प्रश्न स्वाभाविक उत्पन्न होता है । आनन्दको व्यवहार (व्यापार) में कुशल कहा है और पांचम व्रतमें च्यार क्रोड द्रव्य व्यापारके लिये खा था । वास्ते संभव होता है कि पांचस हलकी जमीन खीथी उसीमें छद्रावतका भी समावेश होगया हो । तत्वं केवली गम्यं ।
SR No.034234
Book TitleShighra Bodh Part 16 To 20
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRavatmal Bhabhutmal Shah
Publication Year1922
Total Pages424
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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