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तो १-२-३ संख्याली. असंख्याती अनंती एवं यावत् वनस्पति काय, एवं बेइंद्रिय परंतु भविष्यमें अगर करेगा तो २-४-६ संख्याती, असंख्याती, अनंती एवं तीद्रिय परन्तु भविष्यमें अगर करेगा तो ४-८-१२ संख्याती, असंख्याती, अनंती एवं चौरिद्रिय परंतु भविष्यमें करेगा तो ६-१२-१८ संख्याती, असंख्याती, अनंती एवं तियेच पंचेन्द्रिय परंतु भविष्यमें करेगा तो (-१६-२४ संख्याती असंख्याती अनंती एवं मनुष्यमें परंतु, भविष्यमें नियमा करेगा वह स्यात् (-१६-२४ संख्याती, असंख्याती, अनंती।
व्यंतर ज्योतिषी वैमानिक यावत् नौग्रेवेक तक भूतकालमें अनंती वर्तमानमें एक भी नहीं, भविष्यमें कोई करे कोई न करे अगर करे तो (-१६-२४ संख्याती० असं० अन ।
एकेक नारकीका नेरिया विजय वैमानपने द्रव्येन्द्रिय कितनी ?भूतकालमें एक भी नहीं की थी, वर्तमान कालमें एक भी नहीं, भविष्यमें कोई करेगा कोई न करेगा अगर करेगा तो ८-१६ कारण विजय वैमानके देवता दो भवसे अधिक नहीं करते एवं विजयन्त, जयन्त, अपराजित. ___एवं सर्वार्थसिद्ध परंतु भविष्यमें जो करेगा वह पाठ कारण एक भव ही करता है. यह एक नारकीके नेरियेको २४ दंडक पर काहा है इसी माफक १० भुवनपतियोंको भी कह देना. स्वस्थान पर वर्तमान पाठ द्रव्यद्रिय हैं, परस्थानमें नहीं है, शेष नारकीवत् समझना. इसी माफक पांच स्थावर तीन विकलेन्द्रिय और तिर्यच