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(८३) भविष्यमें अनंती इन्द्रियां करेगा. क्योंकि नारकीके जीवोंमें मच्यामन्य दोनों हैं एवं यावत् नौवेक तक कहना, परन्तु वनस्पतिमें जीव अनन्ते हैं तथापि औदारिक शरीर असंख्याते हैं. इस निये इन्द्रिय असंख्याती कही और मनुष्यमें वर्तमानापेक्षा स्थात् संख्याती स्यात् असंख्याती समझना. __ घणा विजय वैमानके देवोंकी पृच्छा-भूतकालमें अनन्ती, वर्तमान कालमें असंख्याती और भविष्यमें असंख्याती करेगा. एवं विजयन्त, जयन्त और अपराजित भी समझना.
घणा सर्वार्थसिद्ध वैमानके देवोंकी पृच्छा-भूतकालमें अनन्सी, वर्तमानमें संख्याती और भविष्य में संख्याती इन्द्रियां करेंगे।
.. इतिद्वारम् . एकेक नारकीके नेरीया नारकीपने द्रव्येंद्रियोंकी पृच्छा-भूतकालमें अनंती, वर्तमानमें पाठ, भविष्यमें कोई करेगा कोई न भी करेगा. करेगा वह (-१६-२४ सं० भसं० या अनन्ती इन्द्रियां करेगा.
एकेक नारकी के नेरीया असुरकुमारपने द्रव्येन्द्रियां कितनी?भूतकालमें अनन्ती, वर्तमानमें एक भी नहीं और भविष्यमें कोई करंगा कोई न भी करगा.जो करेगा वह (-१६-२४ सं० सं० या अनन्ती इन्द्रियां करेगा एवं यावत् स्तनितकुमार । - एक नारकीका नेरीया पृथ्वीकायपने द्रव्येन्द्रिया कितनी?भतकालमें अनंती, वर्तमानमें एक भी नही, भविष्य में जो करेगा