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२० तथा १२ उपयोग की समझनी, वह अंतके कोष्टक में ( ६ ) का अंक रखा गया है जिसका विवरण नीचे देखो
१ अनन्तमें भागन्यून | अनन्तमें भागाधिक । २ असंख्यातमें भागन्यून | असंख्यातमें भागाधिक 1 ३ संख्यातमें भागन्यून | संख्यातमें भागाधिक |
४ संख्यातमें गुणन्यून । संख्यातमें गुणाधिक । ५ असंख्यात गुणन्यून असंख्यातमें गुणाधिक । ६ अनन्त गुणन्यून | अनन्तमें गुणाधिक ।
यह षट्गुण हानिवृद्धि है जिसको शास्त्रकारोंने 'बट्ठाएaire ' कहते है और कोष्टकमें ४-३-२-१ का अंक स्थिति 'या अवगाहनामें रखा जाता है वहां का सकेत |
नम्बर १-६ को छोड देना से चौठा वडिए ।
न० १-६-२ छोडने से तीठाण वडिए । न० १-५ - ६ छोडने से तीठाण बडिए ।
न० १-२ - ५ - ६ छोडनेसे दुठाण वडिए । न० १-२-३-५-६ छोडने से एक ठाण वडिए ।
विशेष खुलासा विद्वानों से रूबरू करने से अधिक लाभ होगा ।
* उपयोग १२ है वह जिस बोलमें जितना पावे वह कह देना
समझना ।