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(१९) (१३) पुद्गलदिशापेक्षा
(१) स्तोक उर्ध्व दिशा (२) अधोदिशा विशेषा (३) ईशान नैऋत्य कोण असं० गु० (४) अमि वायव्य
कोण विशेषा (१) पूर्व दिशा असं० गु० (६) पश्चिम दिशा विशेषा
(७) दक्षिण दिशा विशेषा (८) उत्तर दिशा विशेषा (१४) द्रव्यदिशापेक्षा
(१) स्तोक अधोदिशा (२) उर्वदिशा अनंत गुण (३) ईशान नैऋत्य मनंत गुण (४) अमिवायु दिशा विशेषा (५) पूर्व दिशा असं० गु० (६) पश्चिम दिशा विशेषा (७) दक्षिण दिशा विशेषा (८) उत्तर दिशा विशेषा
सेवं मंते सेवं भंते तमेव सच्चम् ।
थोकडा नं० १३७ श्री पनवणा सूत्र पद ३, जीवोंके २५६ ढिगला (१) सर्वसे स्तोक, जीव आयुष्यकर्म बांधनेवाला है (२) अपर्याप्त। जीव संख्यातगुणा है (३) सूता जीव संख्यातगुणा है। (४) समोहिया जीव संख्यातगुणा है (५) सातवेदनेवाला जीव संख्यावगुणा है (६) इन्द्रिय बहुता जीव संख्यातगुणा है (७) अनाकार उपयोगवाले जीव संख्यातगुणा है (८) साकार उपयोगवाले जीव संख्यातगुणा है