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(१५) तीगच्छद्रह-निषेडपर्वत उपर मध्यभागमें तीगछनामा द्रह ४००० जो लम्बो २००० जो० चोडो दश जोजनका उढा है कमल भुवन वहांपर घृतिदेवीका है हूँ देवीसे हुगुण परिमाणवाला समझना इसी माफीक निलवन्तपर्वतपर केशरीद्रह भी समझना परन्तु वह कीर्तीदेवीका कमलभुवन समझना तथा युगलक्षेत्रका दश द्रहके नामवाले देवता मालिक है सब देवदेवीयोंकी एक पल्योपमकि स्थिति है और राजधानी अन्य जम्बुद्विपमें समझना शोला द्रहका सर्वे कमल १६२८०१९२० कमल सर्व रत्नमय है इति. द्रह नाम• पर्वत उपर. लम्बा. | चोडा. | उढा. | देवी. पनद्रह चुलहेम० | १००० | ५०० | श्रीदेवी महापद्म ,, महाहेम० | २०००
लक्ष्मि तीगच्छ ,, | निषेड’ | ४००० | २००० | १० घृति केशरी , निलवन्त | ४००० | २००० | १० बुद्धि महापुंडरिक,, रूपि । २००० | १००० पुंडरिक ,, | सीखरी |
कीती दशद्रह , जमनीपर १००० | ५०० | १० देवता १०
. (१०) नदीद्वार-जम्बुद्विपमें १४५६०६० नदी है जिस्में चुलहेमवन्तपर्वत उपर पद्मद्रह है उन्ही द्रहसे तीन नदी नीकली