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१३) यामाद्वार--- इन्ही लक्ष योजनक विम्तार बाल जम्बुद्विप में मनुष्य रहनेका बासक्षेत्र ७ तथा १० है यथा
। भग्तक्षेत्र (२) परभरतक्षेत्र (३) महाविदहक्षेत्र इन्हीं तीन संत्रम कमभूमि मनुष्य निवास करते है और (१) दमयर २) दरगण वय (३) हरिबास (४) रम्यकवास इन्ही च्यार नत्रा अकमभूमि युगल मनुप्य निवास करने हैं एवं ७ तथा दश गीना जाये तो पूर्वजा महाविदहनत्र गौना गया है उन्हीक यार विभाग करन! :) पृव महाविदह । २ । पश्चिम महाविदः देयकम (४) उत्तर कम एवं । नत्र होता है । विवरण ----
नयोजन के विस्तार वाला डानम्वृद्धिप है जिन्हा चानक एक नि । कोट है यह जगति गार योजन के उनी है मनम ? २ मध्यम = उपर ' योजना विस्तार बाल है मय बनानाय में उन्दी जगति के कीनारपर एक. गौर जाल अथात-झगवाकी लंन श्रागड है बह ादा योजनक उनी नया अनुप कि चोटी काागा और कांगम
अगति उपाय च्यार गाजनके विस्तारवाला ई उन्हा ने मध्यभागम एक पद्मवखेदिका आदा याजनकी उनी ५५ धनुप कि चाही दानो तर्फ निला पनी का म्यामा पर अच्छ मृन्दर अकारवाली मनमोहक पुतलायों है और भि अनेक,