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उगते वयं ४७२६३: जोजन दुरो दृष्टिगोचर होता है म शंका नापक्षेत्र ६३६६३: । उगतो सूर्य ३१८३१५/ इष्टिगोचर होते है इति.
१४) अन्तराद्वार - अन्तर दो प्रकार होता है व्यायात - किसी पदार्थकि विमेंट आवे निव्यवात कमी प्रकारकी वाद न हो जिम्मे व्याघातापेक्षा जघन्य २६६ जोजना अन्तर है क्योंकी fris freवन्तपर्वतकं उपर
शिवरपर २५० जोजनका है उन्हीने चौतर्फ आठ र जोजन जातीपदेवरा चाल चालते हे वास्ते २६० उ १२२४२० क्योंकि १०००० जी० स्पर्वत है उन्होंने चौतफ ४४२१ जो दुग जोतीषी चाल चलते है १२२४२ जी० अन्तर है. अलोक और जातीपविक अन्तर २०११ ज. मंडलांपेक्षा अन्तरा मेरुपर्वतसे ४४८८० जी० अन्दरका मंडलका अन्तर है, ४५३३० जी० बाहारका मंडलके अन्तर है । चन्द्र चन्द्रके मंडल ३५ अन्तर है के मंडल के दो जोजनका अन्तर है। नित्र्याघातापेक्ष जघन्य धनुष्यका अन्तर उत्कृष्ट दो गाउका अन्तर है इति (१५) संख्याद्वार जम्बद्विप दो चन्द्र दो सूर्य, समुद्र व्यार चन्द्र च्यार सूर्य, घातकिखण्डद्विप १२ चन्द्रसूर्यकाल समुद्र ४२ चन्द्र ४२ सूर्य पुष्का
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