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शोभनीक है इत्यादि और भी निकायदेवोंकी गजधानी दक्षिण की तफ है इसी माफीक उत्तरदिशामें भी समझना जन्तु उन दिशाम दीगन्छउत्पात पबत है.
(४) मभाद्वार एकंक इन्दक पांच पांच सभा है (:) त्पान सभा १२) अभिशेष मभा (३) अलंकार ममा (४) ग्वाय सभा (५) माधी सभा.
। उन्पात मभा-दंबता उत्पन्न होनेका स्थान है.
(२) अभिशप सभाम इन्द्रका राजअभिशेष कीया जाता है.
३) अलंकार सभा-देवताक श्रृंगार करने योग यत्र
) व्यवाय सभा-देवताक योग धर्मशास्त्रका पुस्तक
५ सोधी सभा जहां जिनमन्दिर चैत्यर्थभ शस्त्रकोष आदि है और मुधर्म सभामें देवनाक इन्माफ कीया जाता र इत्यादि.
१५. भुवनसंग्याद्वार-भुवनपतियोंके भुवन ७७२००.०० जिन्ने ४,६०,००० भुवन दक्षिणदिशामें है ३६६००१७ उनकी नम है. दखो यंत्रम--