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(८७) . एकेक सर्वार्थसिद्ध वैमानके देवता नारकीपणे द्रव्येन्द्रिय भूतकाले अनंती, वर्तमान और भविष्यमें नहीं, एवं यावत् मनुष्यवर्जके नौवेक तक समझना, मनुष्यमें अतीता अनंती, वर्तमान नहीं, भविष्यमें नियमा आठ करेगा। विजयादि ४ अनुत्तर वैमानके देवपणे भूतकाल किसीने की, किसीने नहीं की, जिसने की तो पाठ, वर्तमान और भविष्यमें एक भी नहीं और सर्वासिद्धपणे भूतकाले नहीं, वर्तमान आठ, भविष्यमें नहीं।
इति द्वारम् घणा जीव आपसमें द्रव्येन्द्रियों ? घणा नारकीका नेरिया नारकीपणे द्रव्येन्द्रियां कितनी करी ? भूतकाले अनंती, वर्तमाने असंख्याती, भविष्यकानमें अनंती करेगा, एवं यावत् नौग्रैवेक परन्तु परस्थानमें वर्तमान एक भी नहीं कहना। __ घणा नारकीका नेरिया पांच अनुत्तर वैमानपणे द्रव्येन्द्रिय भूतकाल और वर्तमानमें एक भी नहीं करी, भविष्यमें असंख्याती करेगा।
यह नारकीका दंडक, २४ दंडक पर कहा इसी माफक नियंचपांचेन्द्रिय तक भी कह देना, परन्तु वनस्पतिके दंडकका जीव भविष्यमें सर्व ठेकाणे यावत् सर्वार्थसिद्ध तक अनंती द्रव्येद्रिय करेगा, कारण जीव अनंते हैं। ... घणा मनुष्य नारकीपणे द्रव्योगिय भूतकाले अनंती, वर्त