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अल्पाबहुत्व.
( २२५) स्तोक मनः बलप्राण [२] वचन बलप्राण असंख्यातगुणे [३] श्रोत्रेन्द्रिय बलप्राण असंख्यात गुणे [४] चक्षुइन्द्रिय बलप्राण विशेषः [५] घ्राणेन्द्रिय बलप्राण विशेषः वि० [६] रसेन्द्रिय बलप्राण वि० (७ ) स्पर्शेन्द्रिय बलप्राण अनंतगुणे [८] काय बल प्राण विशेष: [९] श्वासोश्वास बलप्राण वि० [१०] आयुष्य बलप्राण विशेषः ।। पुनः ॥ स्तोक मनः पर्याप्तिके जीव [२] भाषापर्याप्तिके जीव असंख्यात गुणे [३. श्वासोश्वास पर्याप्ति के जीव अनंतगुणे [४ इन्द्रिय पर्याप्ति० वि० [५] शरीर पर्याप्तिके जीव वि० [६] आहार पर्याप्तिके जीव विशेषः ॥पुनः।। स्तोंक मनुष्य [२] नारकी असंख्यात गुणे [३] देवता असंख्यातगुणं [४] पुरुषवेद विशेषः [५] त्रिवेद संख्यातगुणे [६] नपुंसकवेद अनंत गुणे [७] तीर्यच विशेषाधिक ।। इति
थोकडा नम्बर ३१.
स्तोक मनुष्यणी [२] मनुष्य असंख्यात गुणे [३] नैरिये असंख्यातगुणे [१] तीर्यचणी असंख्यातगुणी [५] देवता सं. ख्यात गुणे | ६ ] देवी संख्यातगुणी [७] पांचेन्द्रिय संख्यात गुणे [८] चोरिन्द्रिय वि० [९] तेइन्द्रिय वि० [१०] बेइन्द्रिय वि० (११) प्रसकाय वि० [१२] तेउकाय असंख्यात गुणे [१३] पृथ्वी काय वि० [१४] अपकाय बि० [१५] वायुकाय वि० [१६] सिद्ध भगवान अनंतगुणे [१७] अनेन्द्रिय विशेषः [१८] वनास्पति अनंतगुणे [१९] एकेन्द्रिय वि० [२०] तीर्यच विशेषः [२१] सेन्द्रिय वि० [२२] सकाया वि० [२३] समुच्चय जीव विशेषः
स्तोक मनुष्य [२] नारकी असंख्यात गुणे [३] देवता असंख्यात गुणे [ ४ ] पुरुषवेद विशेषः (५) स्त्रियोसंख्यातगुणी
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