SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 321
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रकरणम् ८] प्रथमः स्वागताध्यायः २७९ झण्टुं झण्टुं खट्वाङ्गधरम् ।। १ ।। दंष्ट्राकरालम् ॥ २ ॥ तडित्सदृशजितम् ॥ ३ ॥ हो हो हो हो हो हो हो हौ ॥ ४ ॥ वरसुरभिकुसुम ॥ ५ ॥ चर्चितगात्रम् ॥ ६॥ कपालहस्तम् ॥ ७॥ नमामि देवम् ॥ ८ ॥ इत्यार्पभीकपालपदानि ॥२॥ चलत्तरङ्ग ॥१॥ भगुरम् ।। २ ॥ अनेकरेणु ॥ ३ ॥ पिञ्जरं सु ॥ ४ ॥ रासुरैः सुसेवितं पु ॥ ५॥ नातु जाह्न ॥ ६ ॥ वीजलम् ।। ७ ।। मां विन्दुभिः ॥ ८ ॥ इति गांधारीकपालपदानि ॥३॥ शुलकपाल ॥ १॥ पाणित्रिपुरविनाशि ॥ २ ॥ शशाङ्कधारिणम् ॥ ३॥ त्रिनयनत्रिशूलम् ॥ ४ ॥ सततमुमया सहि ॥ ५॥ तं वरदम् ॥ ६॥ हो हो हो हो हो हो हो हो ॥ ७॥ हो हो हो हो हो हो हो हो ॥ ८॥ नौमि महादेवम् ।। ९ ।। इति मध्यमाकपालपदानि ॥४॥ जय विषमनयन ॥ १॥ मदनतनुदहन ॥ २॥ वरवृषभगमन ॥ ३ ॥ त्रिपुरदहन ॥ ४॥ नतसकलभुवन ॥ ५॥ सितकमलवदन ॥ ६ ॥ भव मे भयहरण ॥ ७॥ भव शरणम् ॥ ८ ॥ इति पञ्चमीकपालपदानि ॥ ५ ॥ अग्निज्वाला ॥१॥ शिखावली ॥२॥ मांसशोणित ॥ ३ ॥ भोजिनि ॥४॥ सर्वाहारि ॥ ५॥णि निर्मासे ॥६॥ चर्ममुण्डे ॥७॥ नमो ऽस्तु ते ॥ ८ ॥ इति धैवतीकपालपदानि ॥ ६ ॥॥ सरसगजचर्मपटम् ॥१॥ भीमभुजंगमानद्धजटम् ॥ २॥ कहकहहुंकृतिविकृतमुखम् ॥३॥ नम तं शिवं हरमजितम् ॥४॥ चण्डतुण्डमजेयम् ।। ५ ।। कपालमण्डितमुकुटम् ॥ ६ ॥ कामदर्पविध्वं Scanned by Gitarth Ganga Research Institute
SR No.034227
Book TitleSangit Ratnakar Part 01 Kalanidhi Sudhakara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSarangdev, Kalinatha, Simhabhupala
PublisherAdyar Library
Publication Year1943
Total Pages458
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Book_English
File Size220 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy