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प्रकरणम् ७]
प्रथमः स्वरगताध्यायः
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अस्यामान्ध्रयां गांधारो न्यासः । अंशा एवापन्यासाः । अस्याः प्रस्तार:
१७. आन्ध्री
त रु णे दु कु सु म २. री गा री गारी री री री
ख चि त ज टं री री गा गा री री मा मा त्रि दि व न दी स लि ल री गा सा धनि नी नी नी नी
त मु खं नीं री नी री धनि धनि पा पा न ग सू नु प्र ण यं पां मां रिंग गा गा गा गा
द नि धिं री गा सस मा मा पा पा प रि णा हि तु हि न मां पां मां रिंग गा गा गा गा गा
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में 4. a = Fou. = * A
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धां नी गा गा गा गा गा गा अ मृ त भ वं पा पा मा रिंग गा गा गा गा गु ण र हि तं
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