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मंगीतग्नाकरः
[जाति
७. मा पा मां पंरिग गा गा गा गा
र नि के तं रीरी गा सम मा मा पा पा सि त पं न गेंद्र मा पा मा परिंग गा गा गा गा म ति कां धा नी पा मा धा नी सा सा
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य ज्ञो ५ वी त १६. नी' नी' धा धा पा पा पा पा
(क०) माध्यमग्रामिकशुद्धस्वरमेलने प्रथमकलायां मध्य ऋषभा अष्टौ लघवः । तं स्थाणुललितेत्यक्षराणि ; द्वितीयचतुथीं शेषौ (१) ।
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