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________________ भूमिका . वैभाषिक सर्वास्तिवाद सम्पदायका ही पीछे का नाम है, जो अपने नामके अनुसार संसारकी आन्तरिक और बाह्य वास्तविकताको स्वीकार करता है। वैभाषिक कहता है कि हमारा ज्ञान और ज्ञेय ( उस ज्ञानके विषय ) दोनों ही वास्तधिक हैं। इस सम्प्रदायका मुख्य ग्रन्थ अभिधर्मज्ञान प्रस्थान शास्त्र अथवा केवल ज्ञान प्रस्थान शास्त्र है, जो बुद्धके ३०० वर्ष पश्चात् बना था। इसका दूसरा ग्रन्थ अभिधर्म महाविभाषा शास्त्र अथवा केवल विभाषा है, जो सन् ७८ ईस्वीके लगभग कनिष्ककी सभामे बनाया गया था। इस सम्प्रदायका नाम वैभाषिक इसी विभाषासे आया है। क्योंकि विभाषाका अर्थ टीका है। ऐसा प्रतीत होता है कि बुद्धकी शिक्षाओपर निर्भर करनेकी अपेक्षा टीकाओंपर ही निर्भर करनेके कारण यह सम्प्रदाय वैभाषिक कहलाता है । संघभद्रका न्यायानुसार शास्त्र अथवा कोशकारक शास्त्र, (जो ४८२ ईस्वीके लगभग बना था ) इस सम्प्रदायका बड़ा विद्वत्तापूर्ण ग्रन्थ है। सौत्रान्तिक ज्ञान और बाह्य विषयोंकी सत्ताको अनुमानके द्वारा स्वीकार करता है । सौत्रान्तिक शब्द सूत्रान्तसे निकाला गया है, जिसका अर्थ सूत्रका अन्त है । सम्भवतः टीकाओंकी अपेक्षा बुद्धकी शिक्षाओं परही निर्भर करने के कारण यह सम्प्रदाय सौत्रान्तिक कहलाता है । वह मूल जिसके आधार पर सौत्रान्तिक दर्शन बना है आर्यस्थविर ( अथवा पालीके अनुसार थेराओं) और महासांघिको के सम्प्रदायसे सम्बन्ध रखता है। यह कहा जाता है कि इस सम्प्रदायके दार्शनिक सिद्धान्तोको एक धर्मोत्तर या उत्तरंधर्म नामके आचार्यने कनिष्कके समयमें सन् ७८ ई० के लगभग कश्मीरमें बनाया था। परन्तु चीनी यात्री हुएन्सांग ( जो भारतमें ७ वीं शताब्दीके आरम्भमें आया था ) के अनुसार इस सम्प्रदायका संस्थापक तक्षशिलाका प्रसिद्ध अध्यापककुमारलब्ध था, जिसने इस विषय पर बहुतसे अमूल्य ग्रन्थ लिखे थे। कुमारलब्ध नागार्जुन, आर्यदेव और अश्वघोषके समकालीन थे, अतएव उनके सन् ३०० ई० के लगभग होनेका अनुमान किया जाता है। दूसरे अत्यन्त प्रसिद्ध अध्यापक श्रीलब्ध थे, जिन्होंने सौत्रान्तिक सम्प्रदायके विभाषाशास्त्र को लिखा था । हुएनसांगने अयोध्या संघारामके वह खंडहर देखे थे जिनमें श्रीलब्ध रहते थे। ......
SR No.034224
Book TitleNyayabindu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmottaracharya
PublisherChaukhambha Sanskrit Granthmala
Publication Year1924
Total Pages230
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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