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________________ ६९. ७०. ७१. ७२. ७३. ७४. ७५. ७६. ७७. ७८. ७९. ८०. ८१. . ८२. ८३. ८४. ८५. ८६. ८७. ८८. ८९. ९०. ९१. ९२. ९३. ९४. ९६. ४६ गजकोडितक पार्श्वजानु और उसका विनियोग गरुडप्लुत धावलीनक और उसका विनियोग दण्डपाद और उसका विनियोग सन्नत और उसका विनियोग समर्पित और उसका विनियोग मयूरललित सूचीबद्ध और उसका विनियोग प्रेोति और उसका विनियोग स्वलित परिवृत करिहस्त प्रसति और उसका विनियोग पार्श्वक्रान्त और उसका विनियोग निवेश नितम्ब हरित और उसका विनियोग सिंहविक्रीडित] और उसका विनियोग सिंहाकथित और उसका विनियोग जनित और उसका विनियोग अवहित्य और उसका विनियोग उद्वृत्त संघटित लोलित शकटास्य और उसका विनियोग बृषभफीडित emaratडित और उसका विनियोग नृत्याध्यायः श्लोक संख्या १२५३ १२५४ १२५५ १२५६ १२५७ १२५८ १२५९-१२६० १२६१ १२६२. १२६३ १२६४ १२६५ १२६६ १२६७ १२६८ १२६९ १२७०-१२७१ १२७२ १२७३ १२७४ १२७५ १२७६-१२७९ १२८० १२८१-१२८२ १२८३ १२८४ १२८५ १२८६ पृष्ठ संख्या ३१९ ३१९ ३१९ ३१९-३२० ३२० ३२० ३२०-३२१ . ३२१ ३२१ ३२१ ३२२ ३२२ ३२२ ३२२ ३२३ ३२३ ३२३ ३२३-३२४ ३२४ ३२४ ३२४ ३२५ ३२५ ३२५-३२६ ३२६ ३२६ ३२६-३२७ ३२७
SR No.034223
Book TitleNrutyadhyaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshokmalla
PublisherSamvartika Prakashan
Publication Year1969
Total Pages514
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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