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________________ ४१. ४२. ४३. ४४. ४५. ४६. ४७. ४८. ४९. ५०. ५१. ५२. ५३. ५४. ५५. ५६. ५७. ५८. ५९. ६०. ६१. ६२. ६३. ६४. ६५. ३६. ६७. ६८. भुजंगाञ्चित आक्षिप्त और उसका विनियोग उद्घट्टित दण्डरचित और उसका विनियोग वृश्चिक और उसका विनियोग वृश्चिकरेचित और उसका विनियोग वृश्चिकक ट्टित और उसका विनियोग लतावृश्चिक और उसका विनियोग वंशाखरं चित चक्रमण्डल और उसका विनियोग आवर्त और उसका विनियोग कुञ्चित और उसका विनियोग दोलापाद और उसका विनियोग तलविलासित और उसका विनियोग विवृत्त और उसका विनियोग विनिवृत्त और उसका विनियोग ललाटतिलक और उसका विनियोग विषयानुक्रम विवर्तत अतिक्रान्त विद्युद्ान्त और उसका विनियोग निशुभित और उसका विनियोग उरोमण्डल विक्षिप्त और उसका विनियोग पानिकटक और उसका विनियोग तलसंस्फोटित गण्डसूचि और उसका विनियोग सूचि और उसका विनियोग अर्धसूचि श्लोक संख्या १२१६ १२१७ १२१८ १२१९ १२२० १२२१ १२२२ १२२३ १२२४ १२२५-१२२६ १२२७ १२२८-१२२९ १२३० १२३० १२३१-१२३२ १२३३-१२३४ १२३५ १२३६ १२३७ १२३८ १२३९-१२४१ १२४२ १२४३-१२४४ १२४५-१२४६ १२४७ १२४८-१२४९ १२५० १२५१ १२५२ पृष्ठ संख्या ३१० ३१० ३११ ३११ ३११ ३११ ३१२ ३१२ ३१२ ३१२-३१३ ३१३ ३१३-३१४ ३१४ ३१४ २१४ ३१४-३१५ ३१५ ३१५ ३१५ ३१५-३१६ ३१६ ३१६-३१७ ३१७ ३१७ ३१७-३१८ ३१८ ३१८ ३१८
SR No.034223
Book TitleNrutyadhyaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshokmalla
PublisherSamvartika Prakashan
Publication Year1969
Total Pages514
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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