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________________ विषयानुक्रम श्लोक संख्या पृष्ठ संख्या ५५२-५५३ .१७०-१७१ १७१ ५५४ १७१ १७१ १७१ आठ प्रकार के दन्तकर्म का निरूपण दाँतों के भेद सम और उसका विनियोग छिन्न और उसका विनियोग खण्डन और उसका विनियोग चुक्कित और उसका विनियोग कुट्टन और उसका विनियोग दृष्ट और उसका विनियोग निष्कर्षण और उसका विनियोग: ग्रहण और उसका विनियोग छह प्रकार के कपोलों का अभिनय कपोलों के भेद १. सम क्षाम कम्पित ५५७ ५५८ १७१ १७२ १७२ १७२ ५६० ५६१-५६४ ५६१-५६४ ५६१-५६४ ५६१-५६४ ५६१-५६४ ५६१-५६४ ५६१-५६४ १७२-१७३ १७२-१७३ १७२-१७३ १७२-१७३ १७२-१७३ १७२-१७३ १७२-१७३ कुञ्चित पूर्ण ५६५-५६६ ५६६ ५६७ ५६८ आठ प्रकार के चिबुक का अभिनय चिबुक (ठोढ़ी) के भेद व्यादीर्ण और उसका विनियोग चलित और उसका विनियोग लोलित और उसका विनियोग श्वसित और उसका विनियोग चलसंहत और उसका विनियोग संहत और उसका विनियोग स्फुरित और उसका विनियोग वक्र और उसका विनियोग १७३ १७३ १७३-१७४ १७४ १७४ १७४ ५७० ५७१ ५७२ १७४ १७४ ५७३
SR No.034223
Book TitleNrutyadhyaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshokmalla
PublisherSamvartika Prakashan
Publication Year1969
Total Pages514
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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