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________________ विषयानुक्रम पृष्ठ संख्या १५९-१६० i ५०४ १६० १६० १६० ; ५०८ १६३ श्लोक संख्या अनुवृत्त ५०३ अवलोकित विलोकित ५०५ आलोकित ५०६ उल्लोकित ५०७ प्राविलोकित विनियोग ५०९ उपांग प्रकरण | चार उपांगाभिनय और उनका विनियोग । छह प्रकार कान साभिनय स्वाभाविको और उसका विनियोग ५१० विकृष्टा और उसका विनियोग ५११ सोच्छवासाऔर उसका विनियोग ५१२ विकृणिता और उसकाविनियोग ५१३ नता और उसका विनियोग ५१४ मन्दा और उसका विनियोग उनीस प्रकार का वायु अभिनय वायु के भेद ५१६-५१८ स्वस्थ और उसका विनियोग ५१९ चल और उसका विनियोग ५२० विमुक्त और उसका विनियोग ५२१ . प्रवृद्ध और उसका विनियोग ५२२ उल्लासित और उसका विनियोग ५२३ निरस्त और उसका विनियोग स्खलित और उसका विनियोग ५२५ प्रत और उसका विनियोग विस्मित और उसका विनियोग ५२७ १०. सम ५२८-५३३ १६४ १६४ १६४-१६५ १६५ १६५-१६६ ५२४ ५२६ १६७
SR No.034223
Book TitleNrutyadhyaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshokmalla
PublisherSamvartika Prakashan
Publication Year1969
Total Pages514
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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