________________
नृत्याध्यायः
३८२
१२.
श्लोक संख्या पृष्ठ संख्या
१३२ ३८३
१३२ ३८४
१३२ १३२
१३२-१३३ ३८७
१३३
३८५
३८६
११. कुञ्चित और उसका विनियोग
सरल और उसका विनियोग १३. नम्र और उसका विनियोग १४. आन्दोलित और उसका विनियोग १५. उत्सारित और उसका विनियोग १६. अविद्ध और उसका विनियोग चार प्रकार का उदराभिनय
उदर के भेद क्षाम और उसका विनियोग खल्ल और उसका विनियोग पूर्ण और उसका विनियोग
रिक्तपूर्ण और उसका विनियोग चार प्रकार का पृष्ठाभिनय १. क्षाम २. खल्ल
३८८
३८९ ३९०
३९१
१३३
१३३ .. १३३-१३४
३९२
اس
سع سه
- १९३ १९३
१३४ १३४ १३४ १३४
१३४
३९४ ३९४
३९५
४. रिक्त पाँच प्रकार का उरु अभिनय
ऊरुके भेद स्तब्ध और उसका विनियोग कम्पित और उसका विनियोग वलित और उसका विनियोग उदतित और उसका विनियोग
निवतित और उसका विनियोग दस प्रकार का जंघाभिनय . जंघाके भेद
क्षिप्ताऔर उसका विनियोग
३९६ ३९७
१३४ १३४ १३४-१३५ १३५ १३५
३९८
३९९-४००
१३५ १३५