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________________ विषयानुक्रम पाणिग पाद और उसका विनियोग पार्श्वग पाद और उसका विनियोग प्रत्यंगाभिनय और उनका विनियोग श्लोक संख्या ३५८ ३५९ पृष्ठ संख्या १२७ १२७ ३६० ३६१ ३६२ १२७ १२८ १२८ ३६३ १२८ १२८ * ३६४ ३६५ १२८ s ३६७ १२९ १२९ १२९ १२९ नौ प्रकार का ग्रीवाभिनय ग्रीवा के भेद समा और उसकाविनियोग नता और उसका विनियोग उन्नताऔर उसकाविनियोग . यत्रा और उसका विनियोग वलिताऔर उसका विनियोग कुञ्चिता और उसका विनियोग अञ्चिताओर उसका विनियोग निवृत्ता और उसका विनियोग रेचिता और उसका विनियोग सोलह प्रकार का बाहु अभिनय बाहु के भेद प्रसारित और उसका विनियोग अधोमुख और उसका विनियोग ऊर्ध्वस्थ और उसका विनियोग आवेष्टित और उसका विनियोग अञ्चित और उसका विनियोग स्वस्तिक और उसका विनियोग मण्डलगति और उसका विनियोग तिर्यक् और उसका विनियोग पृष्ठानुसारी और उसका विनियोग अपविद्ध और उसका विनियोग ३७०-३७१ ३७२ ३७३ ३७४ ३७५ ३७६ ३७७ ३७८ ३७९ ३८० ३८१ १२९-१३० १३० १३० १३० १३० १३० १३१ १३१ १३१ १३१ १३१-१३२
SR No.034223
Book TitleNrutyadhyaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshokmalla
PublisherSamvartika Prakashan
Publication Year1969
Total Pages514
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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