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________________ उ.४] काव्यप्रकाशवाचनायाः पाठान्तराणि - 83 A. B. omita 84 A स्मेर. B स्मैरयोवन. ० सस्मेर 85 B °दाहर्तव्याः 86 B. C. युग instead of तट 87 0 संश्लिष्टा •880 -शात्तन्व्या च सद्यो मानपरिग्रहग्लपि स्तत्क्षणं 121 B ऐष संधिः दोषाणामुपशांतये श्रुत दोषाणां प्रशमाय नः omits शबलता gives शबलत्वं in the margin 95 B क्ता चोदाहृताच 96 B ommits from जान to °दिना। 97 B. C. भावशा 98A omits from अर्थशक्ति to व्यंग्य 99 A कृष्णकरवालनवाम्बु' 100 A 'त्कहर्षदः 101 A पांत्थियण 102 B. C. एत्थ 103 B उण्णय cउण्ण 104 B पयोहरेपे० 105 B तदास्वेति 106 B व्यज्यते 107 B द्भवे 108 B after मक: B writes अर्थो द्विविधः स्वतः संभवी इदं प्रथमकल्पितश्चेति । तत्र स्वतः।.. 109 B प्रतिभानमात्रेण 110 A. B. . 'रमणी' Read no. 110 on रोमणि 111 B अग्गिमो 112 B मऊ 113 A. B. इस 114 B ममैव भोग्य 1150 प्रणिहिते तु करे 1160 रेकालंकारः-.. 117 A कवाट 118 B संक्रान्ति 119 B अष्ठविद्रुम' 120B निवर्त्यतामिति क्ष्यत इत्युत्प्रेक्षा वा । एy °त इत्युप्रेक्षा चेति। 122 B शङ्काः 123 A मोडिए तेण समरम्मि B तेण समरम्मि 124 A.C. जब 125 B कंदरांहि कंदरा हि 126B तस्सदिलं कण्ठसम्मि 127 B यः पलाय्य 123 C हेतुरलंकारो 129 A. B. पलाय्य 130 B सुज मम्मि 1310 माण सिणीण 132 B 'पोलणभीऊब्व c पीलणभीरुव्व 133 B तत्र जंभत इति 134 B. C. ठे 135A कयिव 1364 भुवण 137A 138 0 adds व्यञ्जकः 139 B संभोमखिण्णोरई मेखलासु खलिआ संभोमखि पणोरयी 140 B कबलणे पत्ता कवलणे पत्ता 141B दरित्तणं 1428 एहि मलयाणिला एहि मलआणिला 143 संवग्गिविणो णीणांसाससंम्पक्कियो 144 B विय विभ 145 A. B. omit वायवः 146 0 कुर्वन्तीति 147 B पिय चिम
SR No.034219
Book TitleKavya Prakash Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMammatacharya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1959
Total Pages232
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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