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________________ 22222 20 B 21 C B 23 B C B. C. 222222228 24 25 26 27 29 30 31 34 AAOA B B.C 30. 47 48 B C 32 C 33 A C प्रमातृता ब्रह्मास्वाद B 'पितत्संभव' OOOA 0 C 35 a 36 B.C. 37 C 38 B 39 B 40 41 42 C 43 B 44 B 45 B 46 B 0 B B. C. ० AB B 49 B 50 A 51 B वासनया 'दादिभिः स्थास्यनुमाने' कारकत्वादि मैन मैन शत्रोरेवैते संबंधि काव्यप्रकाशवाचनायाः पाठान्तराणि नियमानध्यवसायासा तस्यासंभवात् लौकिक सिद्ध अवबाधशालि 'शालिपरिमित वेद्यान्तरसंस्पर्श' प्रत्येयोऽभिधी' च प्रमाणं न सविकल्पकम् 'भावरूपस्य "तामवगमयति करुणभयानकयोः "लिता एव कान्तः instead of पाण्डुः प्रचलितं विभावानुभावानामौत्सु drops = णां च केवलानामत्र करुणा omits °लिङ्गनाधर 'स्वरालोकनालिंगनपान instead no. 47 read no. 48. स्वली omits "हरणानि A seems to write उदाहरणानि in an abbreviated form like उदा सहला 52 C 53 B 54 C 55 56 B 57 B 58 A 59 B 60 61 62 63 64 65 66 67 B B. C. B A C A a A B 70 C 71 A 68 69 B. C. B. 0 A C B B. C. 72 B 73 C 74 A R B 75 76 प्रथमापराधसमये 'पोलपालिगलितैः 'लोलोदर' A. B. B. O no variant. सर्वैः प्रस्थितं omits "हरणानि प्रहित देवताः विजहति विजहित सायकाः संपर्वतः किंचिद्रभङ्गलीला ' a बन्ददृष्टिः दर्भे B. C. B B 77 A 78 B. C. यदि मे न रोचते 79 0 80 81 82 d लुतित्वा पृथ्च्छोप भूषांसि पृथुत्सेधभूयांसि भान्तस्त्राज्यंत्रनेत्रात् भातः पर्यस्तनेत्रः बताधिकारः बतावरातः प्रबोधो निर्वेदः स्थायिभावः शान्तोऽपि नवमोऽस्ति र निर्वेदस्थायिभावः शान्तोऽपि नवमोऽस्ति रसः Read no 71 on निर्वेद स्त्रेणे यान्ति in the margin कदारण्ये पुण्ये 'पुण्येण्ये drops one शिव व्यक्तः [ उ. ४ उदा० B उदाहरणे अजित व्य० ततः instead of पुरः चाटुशतके दरिद्रीकृतः
SR No.034219
Book TitleKavya Prakash Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMammatacharya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1959
Total Pages232
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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