________________ (48) भावप्रकाश (हरीतश्यादि) निघण्टुः-प०ना० / মাখা संस्कृत भाषा मंस्कृत धुनकः घरी। रामा। एखापणों सिंघाडा। जायफलम् रान। शामनियांसासरीफा। सीताफनम् रांग / सिमा घण रुदन्ती। पबन्ती सिगी मोहरा। श्रृंगकम् रेवश्चीनी। पीतकाष्ठम सीधा। सैंधक्षम रोहीस। गंधणम् सस्या। * शशः नटजीरा। अपामार्गः सुफेददोब। श्वेतदूर्वा नारी। लज्जा श्वेतसर्ज। विनिमुफेदन पची। श्वेतववरी शतावरी मुफेदकण्डी। श्वेतकरवीरः सक्षिी / नाकुनी सफेंद खेरसार शुखादिरसारः सहदेई। महाबला सोम। पाखुपाषाणः सतोग्यूं। सप्तपर्णीमभाल। निर्गुण्डी सरकहा। मुखःसांटी। पुनधा सरपुंक्षा। प्लशिलोंचालून / सोवलम् मरिष। शालपणी हरफारही लवली साशन / मापपयोहारशृङ्गार। राविहासका संखाहुनी। शंखपुष्पी हुनहुल। सुषमा सूर्यभक्तः सामरा। शाकंभरीयम् | हिंगोरा। सामरा। पं: मृगः हिगुन / सांठा। इक्षुः हिंगोरा। इंगुदी साम्वोट। शाखोरम निउने। निकोचनम् सिरस। शिरीषम् सारक्षा। मरदाफलम् दाधशर्करा | गंगेकया। गोमेरुकीफलम इति परिशिष्टभाषानामानिसमामानि ! पुस्तक मिलनेका ठिकानाखेमराज श्रीकृष्णदास, गङ्गाविष्णु श्रीकृष्णदास, "श्रीबटेश्वर" कीम-प्रेस. "लक्ष्मीवेङ्कटेश्वर" स्टीम्-प्रेस बबई. कल्याण-बम्बई. Ahb! Shrutgyanam - इंगुदी सिखरणी। -