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भावप्रकाशनिघण्टुः भा. टी.।। सिहक-कटु, मधुर, सिन्ध, उष्ण, शुक्र और कांतिको बढानेवाला, बीर्य तथा कंठको बढानेवाला तथा स्वेद, कोढ. ज्वर, दाह तथा ग्रहबाधाको नष्ट करता है ॥ ५२ ॥.५३ ।।
जातीफलम् । जातीफलं जातिकोषं मालतीफलमित्यपि। .. जातीफलं रसे तिक्तं तिक्तोष्णं रोचनं लघु ॥१४॥
कटुकं दीपनं ग्राहि स्वयं श्लेष्मानिलापहम् । निहंति मुखवैरस्यं मलदौर्गन्ध्यकृष्णताः ॥ ५५ ॥ कृमिकासे वमिश्वासशोषपीनसहृद्रुजः । जातिफल, जातिकोष, मालतीफल यह जातिफलके संस्कृत नाम हैं। इसे हिन्दीमें जायफल, फारसीमें जोभो बुवा तथा अंग्रेजीमें Nutmeg
. जातिफल-रसमें तिक्त, उष्ण, रोचक, हलका, कटु, दीपन ग्राही, स्थरकारक, श्लेष्म और वातको नष्ट करनेवाला और मुखकी विरसता मलकी दुर्गन्धता, कृष्णता, कृमि, कास, वमन, शोष, पीनस तथा हृदः । यके रोगोंको दूर करता है ।। ५४ ॥ ५५ ॥
जातिपत्री। जातीफलस्य त्वक् प्रोक्ता जातीपत्री भिषग्वरैः॥५६॥ जातिपत्री लघुः स्वादुःकटूष्णा रुचिवर्णकृत् । कफकासवमिश्वासतृष्णाकृमिविषापहा ॥ १७ ॥
श्रेष्ठ वैद्योने जातिफल की छालको जातिपत्री कहा है । इसको हिन्दीमें 'जावित्री, फारसीमें जवत्री और अंग्रेजीमें Mace कहते हैं। . जातिपत्री-लघु, मधुर, कटु, उष्ण, रुचिकारक,वर्णको उत्तम करनेबाली तथा कफ, कास, वमन, श्वास, प्यास कृमि और विष इनको मारनेवाली है। ५६ ॥ ५७ ॥
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