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OL श्रमण सूक्त
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सालुय वा विरालिय
कुमुदुप्पलनालिय। मुणालिय सासवनालिय
उच्छुखड अनिव्वुड।। तरुणग वा पवाल
रुक्खस्स तणगस्स वा। अन्नस्स वा वि हरियस्स आमगं परिवज्जए।।
(दस. ५(२) - १८, १६)
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कमलकन्द, पलाशकन्द, कुमुद-नाल, उत्पल-नाल, पद्मनाल, सरसो की नाल, अपक्व गडेरी, वृक्ष, तृण या दूसरी हरियाली की कच्ची नई कोपल न ले।
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