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श्रमण सूक्त
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आहरती सिया तत्थ
परिसाडेज्ज भोयण। देतिय पडियाइक्खे, न मे कप्पइ तारिस।।
(दस ५ (१) २८)
Romama
श्रमण को भिक्षा देने हेतु भोजन लाती हुई गृहिणी उसे गिराती है तो उसे प्रतिषेध करे कि इस प्रकार का आहार मै नहीं ले सकता।
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