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सत्साहित्य - प्रकाशन
संतों का वचनामृत
कर्नाटक के वीर-शैव संतों के वचन साहित्य का हिन्दी - रूपान्तर, परिचय सहित
लेखक
रंगनाथ रामचन्द्र दिवाकर
रूपान्तरकार
बाबुराव कुमठेकर
हम सब एक हो पर - शिव की संतान हैं, हमार बंधुत्व स्वाभाविक है । बांधवों में कौन ऊंच और कौन नीच ?
--म० बसवेश्वर
१६६२
सस्ता साहित्य मण्डल, नई दिल्ली