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तो-सान के मन में एक विचार उठा, एक बादल संघनित हो गया, और उस बादल के माध्यम से देवतागण उसका चेहरा देख पाने में समर्थ हो सके, बस एक झलक। पुन: वह बादल मिट गया, पुन: वहां कोई तो–सान न रहा।
स्मरण रखो, ध्यान बस यही कुछ है : तुमको इस परिपूर्णता से विनष्ट कर देना कि यदि देवतागण भी आएं तो वे तुमको खोज न सकें, उनको तुम मिल न सकी। तुमने स्वयं भी देखा होगा कि जब ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं कि देवता भी तुमको नहीं पा सकते, तब भीतर मिलने के लिए कोई नहीं होता। वह 'कुछ होने की मनो-दशा' तनाव का एक ढंग है। इसीलिए वे लोग जो सोचते हैं कि वे कुछ हैं अधिक तनावग्रस्त रहते हैं। वे लोग जो सोचते हैं कि वे ना-कुछ हैं, कम तनावग्रस्त रहते हैं। वे लोग जो पूरी तरह से भूल चुके हैं कि वे हैं, तनाव-शून्य हैं। इसलिए स्मरण रखो, जब अहंकार खो जाता है, तब मैं नहीं मिलता। जब अहंकार खो जाता है, तो मिलता कुछ भी नहीं है। वह ना-कुछपन, वह कुछ न होने की शुद्धता तुम्हारा अस्तित्व, तुम्हारा अंतर्तम केंद्र, तुम्हारा परम स्वभाव, तुम्हारा बुद्ध-स्वभाव, तुम्हारी जागरूकता है-ऐसे विराट आकाश की भांति जिसमें कोई भी बादल नहीं तैर रहा है।
अब प्रश्न को दुबारा सुनो।
'मेरा लालन-पालन स्कोल्फ स्टीनर की शिक्षाओं के बीच हुआ है।' हां, वे शिक्षाएं हैं। और मैं यहां जो कर रहा हूं वह तुम्हें कुछ शिक्षा देना नहीं है, बल्कि इसके विपरीत मैं तुमसे सारी शिक्षाएं छीने ले रहा हूं। मैं कोई शिक्षक नहीं हूं। मैं तुम पर कोई जानकारी आरोपित नहीं कर रहा हूं। मेरा सारा प्रयास तो उसे नष्ट करने का है जिसे तुम सोचते हो कि तुम जानते हो। मेरा सारा प्रयास तुमसे सारी जानकारी छीन लेने का है। मैं यहां तुम्हारी अनसीखा होने में सहायता करने के लिए हूं।
'मेरा लालन-पालन स्कोल्फ स्टीनर की शिक्षाओं के बीच हुआ है, किंतु अभी तक मैं उसके प्रति अपने मन के अवरोधों को तोड़ नहीं पाया है।'
कोई भी उस व्यक्ति के प्रति अपने अवरोधों को तोड़ पाने में समर्थ नहीं हो पाता जो स्वयं ही अहंकार उन्मुख हो। ऐसे व्यक्ति के प्रति अपने मन के अवरोधों को तोड़ पाना कठिन है जो मिट चुका है। फिर भी अपने अवरोध तोड़ पाना कितना कठिन है, क्योंकि तुम्हारा अहंकार प्रतिरोध करता है। किंतु जब तम किसी ऐसे शिक्षक के आस-पास हो जिसकी स्वयं की अहंकार-यात्रा अभी तक चल रही है, अभी तक जो, जो अभी तक कुछ होने के प्रयास में संलग्न है, जो अभी भी तनावग्रस्त है, तो तुम्हारा अहंकार गिर पाना असंभव है।