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लेकिन तुमने कुछ नहीं देखा, पानी भी अब शुद्ध नहीं रहा। क्योंकि पानी, मुक्त में मिल जाता है अत: कोई चिंता नहीं लेतीं; यह तो एक बात है लेकिन जब तुम पानी और दूध मिलाते हो, दोनों अशुद्ध हो जाते हैं। यह बात कुछ खास है, क्योंकि दोनों शुद्ध थे पानी पानी था, दूध दूध था- दोनों शुद्ध थे। यह एक चमत्कार है। दो शुद्धताएं मिलती हैं और दोनों अशुद्ध हो जाती हैं।
अशुद्धता में कुछ भी निंदा योग्य नहीं है। इसका अर्थ बस यह है कि विजातीय पदार्थ प्रविष्ट ही गया है। यह केवल इतना कहता है कि कुछ ऐसा जिसका अंतर्तम स्वभाव भिन्न है प्रविष्ट हो गया वह यही बात है।
यह सूत्र बहुत सुंदर है। 'विभूतिपाद' इस सूत्र पर समाप्त हो जाता है, यह सूत्र इसकी पराकाष्ठा है। यह सूत्र कहता है : जब तुम देह के साथ तादात्मय कर लेते हो, तो तुम अशुद्ध हो, देह अशुद्ध है। जब तुम मन के साथ तादात्म्य कर लेते हो, तो तुम अशुद्ध हो, मन अशुद्ध है। जब तुमने तादात्म नहीं किया हुआ हो, दोनों शुद्ध हो जाते हैं।
अब यह विरोधाभास जैसा प्रतीत होगा। एक सिद्ध या एक बुद्ध वह है जिसने पा लिया है उसका मन शुद्धता में कार्य करता है। उसकी मेधा शुद्धता में कार्य करती है, उसकी सारी प्रतिभाएं शुद्ध हो जाती हैं। और उसकी चेतना शुद्धता में कार्य करती है। दोनों अलग हैं-दूध दूध है, पानी पानी है। दोनों पुनः शुद्ध हो गए हैं।
यह सूत्र कहता है : 'जब पुरुष और सत्व के मध्य शुद्धता में साम्य होता है, तभी कैवल्य उपलब्ध हो जाता है। '
सत्य, प्रकृति, कुदरत पदार्थ की पराकाष्ठा है। सत्य का अभिप्राय है बुद्धिमता और पुरुष का अर्थ है बोध। यह तुम्हारे भीतर लगी हुई सूक्ष्मतम गांठ है, क्योंकि वे काफी समान हैं। बुद्धिमत्ता और बोध इतने समान हैं कि अनेक बार तुम सोचना आरंभ कर सकते हो कि बुद्धिमान व्यक्ति बोधपूर्ण व्यक्ति होता है। ऐसा नहीं है।
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आइंस्टीन बुद्धिमान हैं, आत्यंतिक रूप से बुद्धिमान हैं, लेकिन वे बुद्ध नहीं हैं, वे बोधपूर्ण नहीं हैं। वे सामान्य व्यक्ति से भी कम बोधपूर्ण हो सकते हैं क्योंकि वे अपनी बुद्धि में बहुत अधिक संलग्न हैं। ऐसा हुआ कि आइंस्टीन बस से कहीं जा रहे थे, परिचालक, कंडक्टर ने आकर टिकट के लिए उनसे रुपये मांगे। उन्होंने उसको रुपये दे दिए। परिचालक ने आइंस्टीन को छुट्टे पैसे वापस किए। आइंस्टीन ने उनको गिना और गिनने में गलती कर बैठे-जब कि वे संसार के महानतम गणितज्ञ थे- और उन्होंने कहा : तुमने मुझको पूरे पैसे वापस नहीं किए हैं, मुझे कुछ सिक्के और दो।
कंडक्टर ने पैसे दुबारा गिने, वह बोला क्या आपको अंक ज्ञान नहीं है?