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प्रवचन 57 आसन और प्राणायाम के आत्यंतिक रहस्य
योग - सूत्र
(साधनपाद)
स्थिरसुखमासनम्।। 4611
स्थिर और सुखपूर्वक बैठना आसन है।
प्रयत्नशैथिल्यानन्तसमापत्तिभ्याम् ।। 47।।
प्रयत्न की शिथिलता और असीम पर ध्यान से आसन सिद्ध होता है।
ततो द्वन्द्वनभिधातः ।। 4811
जब आसन सिद्ध हो जाता है, तब दुबंदों से उत्पन्न अशांति की समाप्ति होती है।
तस्मिन्सति श्वासप्रश्वासयोर्गतिविच्छेद: प्राणायाम ।। 49//
आसन की सिद्धि के बाद का चरण है प्राणायाम । यह सिद्धि होती है श्वास और प्रश्वास पर कुंभक करने से, या अचानक श्वास को रोकने से ।