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वे इस पृथ्वी पर हुए अंतर्यात्रा के महानतम
वैज्ञानिकों में से एक है।
ओशो
प्रवचन 21 - निद्राकालीन जागरूकता
दिनांक 1 मार्च, 1975;
श्री रजनीश आश्रम,पूना।
योगसूत्र-(समाधिपाद)
स्वप्ननिद्राज्ञानालम्बन वा।। 38।।
उस बोध पर भी ध्यान करो, जो निद्रा के समय उतर आता है।
यथाभिमतध्यानावा।। 3911
ध्यान करो किसी उस चीज पर भी, जो कि तुम्हें आकर्षित करती है।
परमाणुपरममहत्वान्तोउस्य वशीकारः।। 40।।
इस प्रकार योगी हो जाता है सब का मालिक-अति सूक्ष्म परमाणु से लेकर अपरिसीम तक का।