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यह तुम पर निर्भर है। यदि तुम काम करना चाहते हो, तो तुम कर सकते हो इसे। अगर तुम जानना चाहते हो बिना काम किये, वह भी संभव है। वह भी है सभव। यह चुनाव तुम्हारा है। अगर तुम कठिन श्रम करना चाहते हो तो मैं तुम्हें दूंगा कठिन श्रम। मै तो और ज्यादा सोपान भी निर्मित कर सकता हूं। पतंजलि और लंबाये भी जा सकते है। उन्हें और फैलाया जा सकता है। मैं लक्ष्य को
और ज्यादा दूर भी रख सकता हूं; मैं तुम्हें करने को असंभव चीजें दे सकता हूं। यह तुम्हारी पसंद होती है। या अगर तुम वास्तव में जानना चाहते हो, तो यह इसी क्षण घट सकता है। यह तुम पर है। पतंजलि देखने का एक ढंग हैं,हेराक्लत् भी देखने का एक ढंग है।
एक बार ऐसा हुआ कि मैं एक सड़क पर से गुजरता था और मैंने एक छोटे बच्चे को बहुत बड़ा तरबूज खाते देखा। उसके लिहाज से वह तरबूज बहुत बड़ा था। मैंने देखा और मैंने ध्यान दिया, और मैने जाना कि उसे खत्म करना उसे कुछ कठिन लग रहा था। सो मैंने उससे कहा, 'यह तो सचमुच बहुत बड़ा लगता है, न? 'उस लड़के ने मेरी तरफ देखा और कहा, 'नहीं। मैं ही छोटा पड़ता हूं।'
वह भी ठीक है। हर चीज दो दृष्टिकोणों से देखी जा सकती है। परमात्मा निकट है और दूर | अब यह तुम पर है निर्णय लेना कि तुम कहां से छलांग लगाना चाहोगे-निकट से या दूर से। अगर तुम दूर से छलांग लगाना चाहते हो, तब सारी विधियां चली आती हैं। क्योंकि वे तुम्हें दूर ले जायेंगी, और वहां से तुम छलांग लगाओगे। यह बिलकुल इस भांति है, जैसे तुम सागर के इस किनारे खड़े हो। सागर यहां है और वहां भी है दूसरे किनारे पर, जो कि पूरी तरह अदृश्य है-बहुत-बहुत दूर। तुम इस किनारे से छलांग लगा सकते हो क्योंकि यह वही सागर है, लेकिन यदि तुम दूसरे किनारे से छलांग लगाने का निर्णय लेते हो तो पतंजलि तम्हें नाव दे देते हैं।
हा
सारा योग एक नाव है दूसरे किनारे तक ले जाने के लिए, जहां से तुम छलांग लगा सको। यह तुम पर है। तुम यात्रा का मजा ले सकते हो; इसमें गलत नहीं है कुछ। मैं नहीं कह रहा, यह गलत है। यह तम पर है। तम नाव ले सकते हो और दूसरे किनारे पर जा सकते हो, और तम वहां से लगा सकते हो छलांग। लेकिन वही सागर है वहां। क्यों न इसी किनारे से छलांग लगा दो? छलांग वही होगी, सागर तो वही होगा, और तुम भी वही होगे। इससे क्या फर्क पड़ता है, अगर तुम दूसरे किनारे पर जाते हो? वहां दूसरे किनारे पर लोग हो सकते हैं और वे यहां आने की कोशिश कर रहे होंगे। वहां भी कई पतंजलि होते हैं; उन्होंने वहां नावें बना ली हैं। वे यहां आ रहे हैं बड़ी दर से छलांग लगाने के लिए।
ऐसा हुआ कि एक आदमी सड़क पार करने की कोशिश कर रहा था। वह भीड़ का समय था, और सड़क पार करना कठिन था। बहुत-सी कारें बहुत तेज दौड़ी जा रही थीं। वह बहुत धीमा आदमी था। उसने बहुत बार कोशिश की और फिर लौट आया। फिर उसने मुल्ला नसरुददीन को