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प्रकाशकीय
श्री माणकचन्द कटारिया का लेख संकलन 'महावीर जीवन में ?" श्री वीर निर्वाण ग्रन्थ- प्रकाशन समिति, इन्दौर का नव्यतम प्रकाशन है । इसकी पीठ पर श्री वीरेन्द्रकुमार जैन का बहुसमीक्षित उपन्यास 'अनुत्तर योगी : तीर्थंकर महावीर प्रकाशित हुआ है। इन दोनो के प्रकाशन से समिति का गौरव बढा है । स्पष्टत श्री कटारिया और श्री वीरेन्द्रकुमार की बहुमूल्य कृतियाँ परम्परित नही हैं, उनका अपना जुदा व्यक्तित्व है, और वे पकी-गहरी लकीर से हटकर भविष्य की गोद में न्योत कर जन्मी हैं। कटारिया कसौटी के लेखक हैं। उन्होने प्रस्तुत सकलन में व्यापक जाच-परख के लिए सामाजिको को कई निर्मम, निर्द्वन्द्व और असदिग्ध कसौटियां दी हैं । इन कसौटियों पर लेखक ने जहाँ एक ओर खुद को कसा है, वही दूसरी ओर चाहा है कि इतर जन अपने मामाजिक चरित्र को इन पर कसें और अपनी प्रखरता और अखरता को पहिचानें ।
इस लघुकाय पुस्तक का एक-एक निबन्ध पाठक के हाथ में एक मशाल देने के लिए वचनबद्ध है । यह मशाल कोई चित्र की मशाल नही है वरन् एक ऐसी मशाल है जो पाठक को निबिड अधेरो से जूझने की ताकत दे सकती है । सकलित लेखो मे से कुछ समिति की अगभूत प्रवृत्ति 'वीर निर्वाण विचार- सेवा' के अन्तर्गत देश की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओ मे प्रकाशनार्थ वितरित हुए हैं तथा अधिकाश इन्दौर से ही प्रकाशित मासिक 'तीर्थंकर'