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॥श्री जिनाय नमः ।।
॥अथ श्री कामकुंभादिकथा संग्रहः॥
स
आचार्य महाराजश्री विजयनीतिसूरिजीना शिष्य पन्यास दान
विजयजी गणीजीना सदुपदेशथी. परनगर निवासी-शा पुनमचन्द बादरभाइनी विधवा बाइ मणी तरफथी
साधु साध्वीने भेट, प्रकाशक:-मास्तर उमेदचन्द रायचन्द, पांजरापोळ.-अमदावाद,
कोपी ५०० प्रथमावृत्ति- अमूल्य (भेट) सन्ने १९२३ DOHOCKICS 3 था पुस्तक जैन पडवोकेट प्रेसमां शा, चीमनलाल गोकलदासे छाप्यु ठे, घीकांटावाडी-अमदावाद म