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वीर सं. २४६४
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॥ श्रीजिनाय नमः ॥
॥ श्रीसुरप्रियमुनिकथा ॥
( कर्ता - श्रीकनककुल गणी )
इदं पुस्तकं जामनगरवास्तव्य पं. हीरालाल हंसराजेन स्वकीये श्रीजैन भास्करोदय मुद्रणालये मुद्रितव्यम्
विक्रम सं. १९९४
किं. रु. ०-४-०
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सने १९३७
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