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________________ सभी शास्त्र समाए चौदह आप्तवाणियों में! प्रश्नकर्ता : आप जो 356 डिग्री पर बैठे हैं, तो हर एक डिग्री का जो ज्ञान है, वह आपको आप्तवाणी में देना चाहिए न? दादाश्री : हाँ, ये चौदह आप्तवाणियाँ प्रकाशित होंगी और सब पूर्ण होंगी। जब इन सब में इकट्ठा होगा, तब उसमें सारा ज्ञान आ जाएगा। अर्थात् मोती पूरे होने चाहिए न? अभी तो सिर्फ नौवाँ भाग प्रकाशित हुआ है। अभी तो पाँच बाकी हैं। प्रश्नकर्ता : नौवीं आप्तवाणी इतनी अच्छी है तो चौदहवीं आप्तवाणी कैसी होगी? दादाश्री : सभी शास्त्रों में, जो ज्ञान प्रकट हुआ है न, वे सब इन चौदह आप्तवाणियों में आ जाएगा। तब फिर लोगों को बाहर के अन्य शास्त्रों की हेल्प लेने की ज़रूरत नहीं रहेगी।ये नए शास्त्र, यह नई बात, यह सब नया ही रखा जाएगा। यह सरल भाषा है इसलिए लोगों के लिए अनुकूल है और इसमें पूरा ही मोक्षमार्ग बता दिया है, कुछ बाकी नहीं रखा है। - दादाश्री आत्मविज्ञानी ए. एम. पटेल के भीतर प्रकट हुए। दादा भगवानना असीम जय जयकार हो KIN978-91-85121-11-4 9789386-32114 Printed in India Price Rs120 dadabhagwan.org
SR No.034040
Book TitleAptvani 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2018
Total Pages542
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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