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संबोध
जीवन के लिए रोटी अनिवार्य है। केवल रोटी ही अनिवार्य नहीं है, उससे भी अधिक अनिवार्य है-भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य । जीवन विज्ञान का विषय जीविका के लिए अनुपयोगी नहीं है, किन्तु वह अधिक उपयोगी है भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए। अजमेर विश्वविद्यालय ने इस विषय को स्नातक स्तर पर स्वीकार किया है। प्राध्यापक और विद्यार्थी वर्ग की सुविधा के लिए प्रस्तुत पुस्तक समाकलित है। इसके समाकलन में मुनि किशनलाल और शुभकरण सुराणा की संभागिता है। विद्यार्थी की रुचि और क्षमता को ध्यान में रखकर पुस्तक के समाकलन में तीन दृष्टिकोणों को सुरक्षित रखा गया है
• सरलता • सरसता • उपयोगिता
विश्वास है-यह अभिनव विषय नए जीवन-निर्माण की प्रक्रिया में सहयोगी बन सकेगा।
-आचार्य तुलसी
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