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कहां विशालकाय हाथियों का समूह, कहां मच्छर के गले का छिद्र?
समस्या रखने वाला, प्रश्न करने वाला स्वतंत्र होता है। उत्तर देने वाले को तो उसके पीछे चलना पड़ता है। अनेक बार ऐसे प्रश्न आते हैं, जो बड़े जटिल होते हैं।
श्रेणिक के मन में प्रश्न आया और उसने पूछ लिया'भंते! अंतिम केवली कौन होगा?' ____ भगवान महावीर ने कहा-'जम्बूकुमार अंतिम केवली
होगा।'
गाथा परम विजय की
'भंते! वह कहां का निवासी है?' 'श्रेणिक! अभी वह इस मनुष्य लोक में नहीं है।' 'तो कहां है वह?' 'देवलोक में।' 'वह कहां उत्पन्न होगा?' 'इसी राजगृह नगर में।'
'भंते! क्या मेरे ही घर में पैदा होगा?' 'नहीं, तुम्हारे घर में उत्पन्न नहीं होगा।' 'तो कहां होगा?' 'एक श्रेष्ठी के घर में उत्पन्न होगा और उसका नाम होगा जम्बूकुमार। वह अंतिम केवली बनेगा।' 'भंते! उसने ऐसी क्या साधना की है अथवा करेगा, जिससे वह केवली बनेगा?' भगवान महावीर ने प्रस्तुत संदर्भ में जम्बूकुमार के इन चार भवों का वर्णन किया।
जम्बूकुमार के चार भवों की बात श्वेताम्बर और दिगम्बर दोनों परम्पराओं में समान है। दो मनुष्य भव-भावदेव और शिवकुमार का भव। दो देवभव-सनत्कुमार और ब्रह्मदेव का भाव।
जम्बूकुमार को भगवान महावीर और सम्राट श्रेणिक का यह संवाद ज्ञात नहीं था किन्तु उसे अपने पूर्वजन्म का पता लग गया। उसके ये प्रश्न समाहित हो गए-मैं कौन हूँ? मैं कहां से आया हूं और मैंने क्या किया था? उसे यह ज्ञात हो गया कि मैंने पूर्वजन्म में सुकृत किया था इसीलिए में देव बना। देवलोक से मनुष्य भव में आया हूं। ___ कहा जाता है कोई मनुष्य मरता है और स्वर्ग में उत्पन्न होता है तो अंतर्मुहूर्त में पूरा युवा बन जाता है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं? आज शंकर बाजरा होता है, आम जल्दी पक जाता है। पहले कहा जाता था-आम का वृक्ष बारह वर्ष में फलता है। वर्तमान में वह एक वर्ष में फलवान हो जाता है।