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पहला भागीदार है संतान। बच्चा जन्मा और खाता खुल गया, भागीदार बन गया। कहीं-कहीं ऐसा भी होता है कि संतान नहीं है तो भी जबर्दस्ती भागीदार बन जाते हैं, अपना अधिकार जताने लग जाते हैं। न जाने कितने केस-मुकद्दमे भी चलते हैं इस भागीदारी को लेकर।
चोर भी कहते हैं तुम्हारा अकेले का अधिकार नहीं है, हमारा भी अधिकार है। एक भाई ने बतायाक्रिकेट का मैच चलता है तो टी. वी. की मांग बढ़ जाती है। एक दिन में दस लाख रुपये आये। सोचा-रात को कहां ले जाएंगे? वहीं छोड़ कर घर चले गए। रात को चोर घुस गए। यह मानकर चलना चाहिए-धन में चोरों और डकैतों का भी हिस्सा बना हुआ है।
भूमिभुग् राजा और शासक का भी हिस्सा है।
हुतभुग्-अग्नि का भी हिस्सा है। समाचार-पत्र पढ़ने वाले जानते हैं कभी-कभी आग लग जाती है तो करोड़ों का माल स्वाहा हो जाता है। जंगल में आग लगती है, कितना नुकसान होता है। अग्नि को भी बलि चाहिए।
अंभः-पानी का भी हिस्सा है। कभी-कभी ऐसी बाढ़ आती है कि करोड़ों-अरबों का नुकसान हो जाता है।
यक्षों का भी हिस्सा है। भूमि में गढ़ी हुई संपत्ति को यक्ष भी ले जाते हैं।
यदि संतान व्यसनी और आचरणहीन है, दुराचार में फंस जाती है तो वह सब कुछ स्वाहा कर देती है। गाथा इस प्रकार इस धन पर कितनों का अधिकार है!
मौने दैन्यभयम् व्यक्ति सोचता है ज्यादा बोलना अच्छा नहीं है। बार-बार लड़ाई-झगड़ा होता है तो मौन कर लेता है। दूसरा कहता है-देखो, कितना कायर है, दीन है। कहां तो यह शेर की तरह गूंजता है कहां यह बोलना ही नहीं जानता, एक शब्द भी वापस नहीं कहता। ____बले रिपुभयम्-बहुत बल का विकास है तो सामने कोई न कोई शत्रु बन जायेगा, पक्ष के साथ प्रतिपक्ष प्रस्तुत हो जाएगा। ____ रूपे जरायाः भयम्-रूपवान है, बड़ा सुन्दर लगता है। वहां क्या भय है? भय है जरा, बुढ़ापा। जिसे पचास वर्ष पहले देखा, उसे पचास वर्ष बाद देखो, मन वितृष्णा से भर जाएगा। व्यक्ति देखना भी पसन्द नहीं करेगा। यह जरा का भय चलता रहता है।
शास्त्रे वादभयम् व्यक्ति शास्त्र का जानकार है, शास्त्रज्ञ है। वहां वाद का भय छिपा हुआ है। प्रतिवादी ऐसे तर्क उपस्थित करता है कि उत्तर देना कठिन हो जाए। प्राचीनकाल में शास्त्रार्थ बहुत चलता था। जहां कोई नया शास्त्रज्ञ आ जाता, वहां वाद-प्रतिवाद का अखाड़ा जम जाता और बड़ी समस्या पैदा होती। ___गुणे खलभयम्-गुण अच्छा है पर गुण में भी खल-दुष्ट आदमियों का भय है। दुर्जन व्यक्ति गुण में भी अवगुण निकाल देगा, न जाने क्या-क्या बुराई करेगा?
___ काये कृतान्तात् भयम्-शरीर बहुत हट्टा-कट्टा है पर वहां भी यमराज का भय है। यमराज पीछे h' खड़ा है।
परम विजय की
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