________________
बालक विक्रमजीत ही आगेचलकर बनारसीदासकेनामसे विख्यात
P
पुत्र कोलेकर खड़गसेनबन्धु-बांधवों सहित सम्मेद शिखरके पार्श्वनाथ भगवान का पूजन-दर्शन करने गए।
(यह आपकी
शरण है।
हए।
मंदिरके पूजारीने ध्यान लगाने | के बाद कहा।
भगवान पार्श्वनाथकेयक्षने) कहा है कि यहबालक
दीर्घायुहोगा।
यमनेकहा कि भगवान पार्श्वनाथकाजन्म) जिसनगर में हआ उसी केनाम पर इस बालकका नाम रखो।
M
Ag
(कितना सौभाग्य शाली है।
यहबालक!
18 वर्षकी अगर में एक
जणवाडेतकपा 3ध्यमकेविएता
12.
कुशाग्र बुद्धि होने के कारण इससे अधिक ज्ञानकी लिखना- पढ़ना जल्दी सीखगए इच्छा नहीं थी।
1595 ई. में जबबनारसीदास नौवर्ष के थे। रवैराबाद के कल्याणमल ताम्बी की पुत्रीकेसाथ इनका विवाह | तय हुआ।