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अपराध क्षणभर का
आलेख एवं सम्पादन
डा. योगेशचन्द्र जैन
頭曲
रेखाकार - त्रिभुवन सिंह यादव
प्राचीन काल में मगध देश की
राजधानी राजगृही में एक राजा राज्य करता था, उसके श्रेणिक
आदि 500 पुत्र थे
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दयालु राजा ने युद्ध जीतकर सोमशर्मा का अहंकार तोड़कर राज्य भी वापस कर दिया
एम. ए. पी एच डी., जैनदर्शनाचार्य
रंगकार - मनमोहन सोनी
वह बहुत दयालु व निरभिमानी था, परन्तु उसका पड़ौसी राजा सोमशर्मा अहंकारी, ईष्यालु व निर्दयी था । अतः सोमशर्मा की दुखी प्रजा का दुख दूर करने के लिए एक दिन दयालु राजा ने चढ़ाई कर दी।
मैं हार तो गया... परन्तु तुमसे बदला लेकर रहूँगा....