________________ 60-69] कुम्मापुत्तचरिअं कुमरो जंपइ जक्खिणि खेमा कुणसु हिअअमज्झम्मि। जलबिंदुचंचले जीविअम्मि को मन्नइ थिरत्तं // 60 // जइ मज्झुवरि सिणेहं धरेसि ता केवलिस्स पासम्मि / पाणपिए में मुंचसु करेमि जेणप्पणो कज्जं // 61 // तो तीइ ससत्तीए केवलिपासम्मि पाविओ कुमरो। अभिवंदिअ केवलिणं जहारिहट्ठाणमासीणो // 2 // पुत्तस्स सिणेहेणं चिरेण अवलोइऊण तं कुमरं / अह रोइउं पवत्ता तत्थ ठिआ मायतायमुणी // 63 // कुमरो वि अयाणंतो केवलिणा समहिअं समाइटो। वंदसु कुमार मायातायमुणी इह समासीणा // 64 // सो पुच्छइ केवलिणं पहु कहमेसि वयग्गहो जाओ। तेण वि पुत्तविओगाइकारणं तस्स बजरिअं // 65 // इअ सुणिअ सो कुमारो मोरो जह जलधरं पलोएउं / जह य चकोरो चंदं जह चक्को चंडभाणुं व // 66 // जह वच्छो निअसुरभिं सुरभिं सुरभि जहेव कलकण्ठो। संजाओ संतुट्ठो हरिससमुल्लसिअरोमंचो // 67 // नियमायताय,णिणं कंठम्मि विलग्गिऊण रोयंतो। एयाइ जक्खिणीए निवारिओ महुरवयणेहि // 68 // निअवत्थअंचलेणं कुमारनयणाणि अंसुभरियाणि / सा जविखणी विलूहइ अहो महामोहदुल्ललिअं॥६९॥ 1 ख च ज छ ट त. मे मुंचसु; अ त. मे मुचसुं. 2 ग . मासीणा 3 अ अहा रोइउं; ख अइरोहिउं; ग ट अहिरोइउं. 4 ट ब. जह व 5 क घ त ब हरिसवसुल्लसिअ. 6 ट मुणोणं; ब मुणीयं 7 8. सा जखणिया विल्हइ.