________________ सिरिरयणसेहरसूरिहिं संकलिया वडसफरपक्हणाणं एगसमं बेडियाण अठसयं / चउरासी दोणाणं चउसट्ठी वेगडाणं च // 382 // सिल्लाणं चउपना आवत्ताणं च तह य पंचासा। पणतीसं च खुरप्पा एवं सयपंच बोहित्था // 383 // गहिजण निवाएसं भरिया विविहेहिं ते कयाणेहिं / नाखुइयमालमेहिं अहिहिया वाणिउत्तेहिं // 384 // मरजीवएहिं गम्भिल्लएहिं खुल्लासएहिं खेलेहि / मुंकाणिएहिं सययं कयजालवणीविहिविसेसा // 385 // नाणविहसत्यविहत्यहत्यसुहडाण दससहस्सेहिं / धवलस्स सेवेगेहिं रक्खिजंता पयत्तेणं // 386 // बहुचमरछत्तसिकरिधयवडवरमउडविहिअसिंगारा / सिडदोरसारनंगरपक्वरभेरीहि कयसोहा // 387 // जलसंबलइंधणसंगहेण ते पूरिऊण समुहुत्ते / धवलो य सपरिवारो चडिओ चालावर जाव // 38 // ताव बलीमुवि दिज्जंतयासु वजंततारतुरेसुं। निज्जामएहिं पोआ चालिज्जतावि न चलंति // 389 // तत्तो स संजाओ धवलो चिंताइ तीइ कालमुहो / उत्तरिय गओ नयरिं पुच्छइ सीकोत्तरि चेर्ग // 39 // सा कहइ देवयार्थभियाई एमाई जाणवनाई। बत्तीससुलक्खणनरवकीइ दिमाइ चल्लंति // 391 //